Friday, October 9, 2020

मैं किसी से कम नही हूँ

आजकल के ज़माने में सब अपने लिए  "Perfect" ही होते हैं, कोई भी अपने आप को किसी से कम नही समझता हैं। आखिर वहाँ बात अपने "Ego" या यूँ कहे अपने "अहम", "मैं" पर जो आ जाती है कि "मैं तो किसी से कम नहीं हूँ"।
हमको हमेशा सिखाया ही ऐसा जाता हैं कि हमें अपने आप को किसी से कम समझना ही नहीं है। हमारे लिए सही हैं तो हम ही सही है वरना फिर सामने वाला गलत है। 
मैं भी किसी से कम नहीं हूँ.... हाँ यह बात भी सच हैं, बेशक मैं गलतियां करती हूँ, कुछ काम मुझसे सही से नहीं हो पाते जो दूसरे बिल्कुल आराम से कर लेते हैं। मगर इसका मतलब यह भी नही है कि मैं वो काम कर नहीं सकती या वो काम मुझसे होगा ही नहीं। मैं कभी भी हार नहीं मानती हूँ और दूसरे के मुकाबले खुद को कम तो बिल्कुल भी नहीं समझती हूँ। दुनिया चाहे जो भी कहे, चाहे मुझे कितने भी ताने सुनने को मिले, अगर मुझे कुछ हासिल करना हैं तो मैं वो करके रहती हूँ।
मैं "perfectly perfect" तो नही हूँ मगर मैं किसी से कम भी नही हूँ।


Sivika mishra

Wednesday, June 10, 2020

नहीं हूँ मैं खुश

नहीं हूँ मैं खुश इन बंदिशों में,
नहीं मिलता सुकून मुझे इस तरह जी के,
सब कुछ मानो ज़िंदगी मे उसी जगह थम सा गया हैं,
और ये मेरे साथ पहली बार नही हुआ हैं,
जो भी था मेरे पास, मेरी हँसी, मेरी खुशी, मेरे दोस्त और मेरी आज़ादी सब कहीं गुम हो गया हैं,
क्या किसी को इनसब का पता पता हैं?
अपनो का साथ तो हैं,मगर अपने साथ नही हैं,
हाँ ये सिर्फ मेरे जज़्बात नहीं हैं,
खुद से नफ़रत सी होने लगी हैं मुझे,
कैसे बताऊ, कैसे समझाऊँ मैं ये सब तुझे,
मैं अब मैं नही रही हूँ,
जिस बात की तकलीफ़ मुझे सबसे ज्यादा हो रही हैं,
तुझसे दूर जाने का गम नहीं हैं,
मगर अपनो को खुद से दूर जाते देखना जरूर मुझे ये रिश्ता खत्म करने को मजबूर कर रहा हैं,
नहीं जानती मैं सही हूँ कि गलत,
नही पता मैं कब तक ये सब होता देख पाऊंगी,
मेरा नाम ना बदनाम हो, मेरे रिश्ते ना ख़राब हो इस वज़ह से कब तक सब कुछ सह पाउंगी मैं,
शायद बहुत जल्दी कर दी मैंने, या बहुत देर कर दी हैं मैंने,
नही पता है कुछ भी मुझे, कुछ भी नही पता हैं मुझे।
Shivika mishra

sharma tea stall, lalbagh, lucknow

"Sharma tea stall" which is located in heart of Lucknow, i.e., Harzratganj. Hazratganj is the favourite place of tea lovers of Lucknow. This shop is around 50-60 years old and is currently run by Mr. Deepak sharma. Not only Lucknoites are crazy after the tea offered by sharma ji but some celebrities too, like - Rajpal yadav, Suresh raina, Kartik aryan, Ananya pandey, etc. They now have their branch too in kapoorathala. Apart from tea in kullhar (earthen pots), glass and disposable glass they also have bun makkhan, mathri and samosa. Bun makkhan's makkhan is just awesome,it's home made and delicious and bun is fully loaded with butter. Samosa's filling is also very yummy with a perfect flavour of spices in it. Shop opens at 6 AM in the morning and closes at 6PM -7 PM  in evening on working days but on weekends from 6 AM in the morning to 1 PM-2 PM or 3 PM till everything gets finished. On weekends there is so much rush as compared to normal days. It's a good place to have a chit chat with your friends, colleagues. I give 4 out of 5 to this place and tea. 
Shivika mishra

Sunday, June 7, 2020

रिश्तों की अहमियत

तभी कुछ भी हमारे बीच अब नही बचा हैं,
मेरी हँसी भी है, तेरी खुशी भी हैं,
ना तुमको मेरी जरूरत रही हैं, 
ना मुझको तुम्हारी जरूरत अब हैं,
वो वक़्त बेशख अजीज़ था जिसमें सिर्फ तुम ही तुम थे मेरे लिये,
ये मरहला भी एक दौर हैं, किसने सोचा था कि ये भी होगा?
वो तुम्हारे लम्स मेरे जिस्म में आज भी मौजूद हैं,
क्या मेरे इत्र की मेहक भी तुम्हारे ज़ेहन में कही... आज़ाद हैं?
आबाद है?
क्या तुम्हें याद हैं?
Shivika mishra

Sunday, July 28, 2019

औरत की ज़िन्दगी

जब मैं कोख में थी तब लाखों सपने बुन रहे थे बाहर इस दुनिया में ये मेरे लोग, जब इस दुनिया मे रखा मैंने कदम तो कुछ के सपने टूट चुके थे, कुछ अपने रूठ चुके थे, साथ कुछ का छूट गया था, क्योंकि उनके घर जन्मी थी एक लडक़ी। कुछ का कहना था अनाथालय में छोड़ आओ इसे, कुछ कहते थे कूड़े में फेंक दो इसे तो कुछ कहते थे दफना दो इसे और इस कहानी का अंत यही कर दो। जैसे कोई पाप हो गया हो, जैसे उनसे कुछ छिन गया हो, जैसे मैने उनकी खुशियों पे पानी फेर दिया हो कुछ ऐसा था स्वभाव उन सब का मेरे प्रति। मगर किसी का सपना पूरा हुआ था, किसी की दुआओं ने असर जो करा था, वो बहुत खुश थे मेरे इस दुनिया मे आ जाने से। हाँ.... वो ही तो मेरे अपने, मेरे मम्मी पापा थे। घर लाकर मुझको उन्होंने सबको तो था खो दिया मगर पाकर मुझे ऐसा था लगता जैसे उन्होंने खुशियों का संसार था पा लिया। फिर उन्होंने मुझे अपनी हर खुशी बना लिया। मेरे लिये उन्होंने काफी कुछ हैं सहा, कभी अपनो के ताने, कभी दूसरो से पैसो के लिए बहाने,तो कभी खाने में कुछ भी ना होना, खुद का भूखा सोना मगर कभी मुझको किसी भी चीज़ की कमी नहीं महसूस होने दी उन्होंने। मुझको काफी नाज़ों से पाला , हर मुश्किल में उन्होंने ही मुझे था संभाला। मेरी हर खुशी में, मेरे हर दुख में वो ही मेरे साथ थे, वो मेरे लिए बहुत हसीन अहसास थे। फिर मैं सयानी हो गयी, पापा बोले अब तुम परायी हो जाओगी, और हमसे बहुत दूर चली जाओगी । वो वक़्त तब मानो और तेज़ी से बढ़ रहा था , सब कुछ मेरा मुझसे वो छीन रहा था, मेरे माँ बाप, मेरा संसार , मेरा घर दीवार, मेरा प्यार और सबसे जरूरी मेरा उपनाम। मैं हो गयी थी अब परायी, मम्मी पापा को मैं थी छोड़ आयी, सब कुछ यहाँ नया था, नई शुरुवात थी वो मेरी ज़िंदगी की... जहाँ ना मेरा कोई अपना था ना ही जहा कोई मेरा सपना था। सब घूर घूर कर देख रहे थे, रीति रिवाज़ तो मानों मेरे सर पर चढ़े थे, हर जगह खुशी का माहौल था, मेरी दुख की किसी को कुछ नही पड़ी थी यहा। मैं गुमसुम सी एक कोने में बैठी सब देख रही थी, कैसे मेरी ज़िंदगी बदली ये सोच रही थी। सब खुशी से झूम रहे थे कुछ कह रहे थे तो कुछ नाच रहे थे, मुझको देख सब गपशप कर रहे थे । ऐसा लग रहा था मुझे जैसे मेरी ज़िंदगी में कोई तूफान आया हो। फिर सामने से एक अजनबी मेरे पास आ बैठा था, उसको ही तो मेरे मम्मी पापा ने पूजा था... हाँ वो ही मेरा जीवन साथी था। रात हुई.. मैं सहम सी गयी... वो आया और सो गया और मैं पूरी रात रोती रही। अब मेरा उपनाम अलग था, मेरी पहचान अलग थी। मेरा अभिमान मेरा स्वाभिमान सब मझसे छीन लिया गया था। एक गले का फंदा मेरे गले मे था, माँग में कुछ लाल रंग का पाउडर था , हाथों में कुछ हथकड़ियों से था। अब मेरे सामने मर्यादाएं और जिम्मेदारियां थी और मैंने कोई शर्म लिहाज़ का गहना भी अब पहना था। घर- गृहस्ती पर अब मेरा हक होना था, सब कुछ नया था कुछ नही पुराना था, न कोई साथी था और ना ही ये कोई फसाना था। नई चुनौतियां दरवाज़े पे दस्तक दे रही थी, मैं ये सब सोच मन ही मन रो रही थी। मैं कहना चाह रही थी कि मुझसे ये नही हो पाएगा मगर कोई नही था सुनने वाला, समझाने वाला फिर पापा मम्मी की बात याद आयी "चुनौतियों से जो हार गई, तुम खुद से फिर हार गई" बस फिर मैं उठ खड़ी हुई, और एक बार फिर एक ज़िन्दगी में अपना पहला कदम रख चल पड़ी, रास्ते मे कई रुकावट मिली, कई जिम्मेदारिया, कई मजबूरियां मगर हमने हार नही मानी क्योंकि ये ही मेरी ज़िंदगी थी। फिर एक नया पड़ाव आया उसने सब कुछ फिर से बदल दिया.... अब मैं भी माँ बन गयी थी, खुशियों की एक लहर मेरे आँगन भी आ गयी थी, सब खुश थे उसके आ जाने से क्योंकि लड़का था न वो। अब उसके पापा का उपनाम उसका था, उसके आ जाने से ज़िन्दगी में कई बदलाव आए और खुशी आयी। ज़िन्दगी, परिस्तिथियां, मजबूरियां, जिम्मेदारिया सब फिर बदल गए थे। इस बार खुशियां दरवाज़े पे दस्तक दे रही थी उठ चली मैं उसकी ओर। यहीं होती हैं हर एक औरत की कहानी, कुछ नया नही है इसमें , न ही कुछ होगा, लड़का लड़की में भेदभाव दुसरो की तो छोड़ो अभी भी कही न कही तुम्हारे दिल में दबा होगा। हर वक़्त एक नया मोड़, एक नई चुनौती, एक नया सफर तय करना फिर भी कमज़ोर समझते एक लड़की को, एक स्त्री को, एक महिला को। शायद इसी में तुमको सन्तुष्टि मिले तो वो ये भी सुन लेती हैं वो की कुछ नही सह जाती हैं। अपना सब तुम्हारे लिये छोड़ आती हैं फिर भी उसको तुम अपने दबा के रखते, तरसा के रखते, डरा के रखते हों, वो चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं। तुमसे भी मजबूत है वो "मगर क्या करे लड़की जात है ना" इस बात पर मजबूर है वो।

Sunday, April 14, 2019

Momos

Momo
This is a popular street food in India which is originally a Tibetan recipe.
The word “momo” comes from a Chinese loanword “momo” which translates to “steamed bread”.These popular street dumplings stand as the most favourite food for kids today. Momos, originating from Tibet and it is a very popular street food in the country, largely in North-India. A versatile food that it is, we have a wide variety available from chicken, mutton to what we have here, vegetable momos.  Momo is a type of steamed dumpling with some form of filling. In India, people are going crazy for momos. Main ingredients used in making momo are -  White flour and-water dough; meat, vegetable or cheese filling served with tomato and sesame chutney dip, tomato soup, soybean and sesame soup.Sauce made from cooked tomatoes flavored with Timur (Szechuan pepper), minced red chilies is often served along with momo.
There are many varieties of momos we can find at the stalls, these varieties meaning, that it has different kinds of stuffing  like meat , vegetable, paneer, tofu, etc.

Paneer tikka

Paneer tikka
Paneer tikka is a popular and delicious tandoori snack which can easily be made at home. It is a popular paneer recipe prepared from marinating paneer chunks with spices and yogurt and grilled in a tandoor or tawa. it is an adapted recipe from the popular chicken tikka recipe for non meat eaters or paneer lovers.Every lavish Indian dinner party is sure to have some tikkas. Paneer, capsicum and onions marinated in a yogurt based mirande. Skewered and grilled till brown. Paneer tikka is a delicious must-have vegetarian snack at any party. A tikka recipe that will surely give you the restaurant-style paneer tikka that you've been craving for.
It's a starter dish made of paneer with lots of spices grilled in a tandoor. It's served with fresh lime juice and green mint chutney , onion, tomatoes and capsicum seasonings. It's very popular all over india now. And now many types of paneer tikka are available in india like - masala paneer tikka, gravy paneer tikka, kashmiri paneer tikka,etc.
Traditionally paneer tikka was made in clay ovens known as tandoor. With time and trend now they are also made in electric ovens and even on gas stove using tawa (Indian griddle/pans).No matter whether we make on tawa on stove top or in oven or in tandoor or barbeque, the marinade made is standard and same. 
Paneer is fresh cheese made by curdling milk with lemon or any vegetable derived acid.